भारतीय संविधान क्या है ?
हर भारतीयों को यही लगता है की, सरकारी काम चलाने देश के प्रधान मंत्री होता है और प्रधानमंत्री को देश के राष्ट्रपति चलाते है लेकिन क्या अपने कभी ये सोचा है की आखिर राष्ट्रपति कहा से फैसले लेते है या राष्ट्रपति बनाने की प्रक्रिया क्या होती है आखिर में एक आसान सा सवाल है की देश के तमाम कायदे कानून कोण चलाता है या किस के अनुसार चलाये जाते है तोह जवाब भारत का संविधान।
भारतीय संविधान
हम भारत के लोक,
भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी, धर्मनिपेक्ष
लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए,
तथा उसके समस्त नागरिको को :
सामाजिक, आर्थिक और रजिनैतिक न्याय,
विचार अभिव्यक्ति,विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,
स्थिति और अवसर की समानता
सुनिश्चित करने के लिए ,
तथा उसमे व्यक्ति की गरिमा और,
राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली,
बंधुता बढ़ाने के लिए,
दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में,
आज तारीख 26 नवंबर 1949 ई. को
एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मसमर्पित करते है।
संविधान और डॉ.बी.आर. आंबेडकर:
आपको हर तरीके के सुख सुविधाएं देना, आप को रोजगार और काम करने की आज़ादी, मतदान और शिक्षण ये सब आपको संविधान में लिखे कानून और धाराओ के कारन मिलता है जिसे परम पूज्य डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने लिखा था। जिसमे अभी
डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर यह उन्हका पूरा नाम था जिन्हका जन्म मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव महू में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। डॉ. अंबेडकर को भारतीय संविधान सभा में विधायी विभाग (Drafting Committee) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उनके नेतृत्व में भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया गया। संविधान के निर्माण में उनकी विचारधारा, दृष्टिकोण और सामाजिक न्याय की प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से दिखती है। इस संविधान को पूरा तैयार होने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन तक की कालावधी लगी थी और क्युकी मसौदा समिति के अध्यक्ष भी वही थे और पुरे मसौदा में उन्हकी जीतनी पढ़ाई किसीने भी नहीं की थी और वो एक प्रख्यात विधिवेत्ता (legal Expert) थे जिनके पास कुल 34 डिग्रीया भी। इसी लिए पुरे संविधान लिखने की जिम्मेदारी उन्होंने ली थी इसी लिए उन्हें कायदे पंडित अर्थात संविधान निर्माता भी कहा जाता है क्योंकी हमारे देश का संविधान डॉ बी आर आंबेडकर जी ने लिखा था।
संविधान की रचना:
संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन योजना के द्वारा किया गया था। संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे लेकिन जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ तब ये संख्या घटकर 299 हो गई। प्रारूप समिति का गठन यह समिति 29 अगस्त 1947 को बनाई गई थी मा. डॉ बाबा साहेब आंबेडकर इसके अध्यक्ष थे।संविधान सभा की बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी इसके अध्यक्ष डॉ सच्चिनान्द सिन्हा थे अस्थायी अध्यक्ष के रूप में थे। संविधान सभा ने भारतीय संविधान को 26 नवम्बर 1949 को अंगीकार किया था और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था।
तो दिखिए में मनाता हूँ की संविधान इस लिए लिखा गया की देश सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से सशक्त बन सके। में यहाँ संविधान की अच्छाई या बुराई नहीं बता रहा हूँ। मुझे सिर्फ इतना ही बताना है की संविधान अंत में अच्छा ही साबित होंगा अगर उसे उपयोग में लाने वाले लोग अच्छे होंगे बाकि संविधान गलत नहीं हो सकता अगर उसे ध्यानपूर्वक समजा और समझाया जाय। आशा करता हूँ की आप संविधान को एक दिन जरूर समझेंगे और जानोगे।
आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाए !!!
जय 📗📖📙संविधान
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